Friday, February 13, 2009

मेरी पतंग

मेरी पतंग कट गई है
खोज रहा हूँ
मिलतीही नही
अब कटे माझें को
समेट रहा हूँ
परअब उसका
क्या मोल
आसमान में उड़ती
जींदगी गुम
हो गई है
खोज रहा हूँ
मिलती ही नही

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