Sunday, August 7, 2011

सब सपना....

ठंडी हवा
एक महक
कुछ बातें
ये नजारें
पर्वत ,
नदियाँ
सब सपना
और कुछ नही

Tuesday, August 2, 2011

कहते हैं, तारे गाते हैं ............

सन्नाटा वसुधा पर छाया, नभ में हमने कान लगाया, फिर भी अगणित कंठों का यह राग नहीं हम सुन पाते हैं । कहते हैं, तारे गाते हैं ।