Saturday, April 24, 2010

जागरूकता से ही कायम रह सकती है राष्ट्रशान्ति




आज हमारे समाज में आतंकवाद, भाषावाद की जो चिंगारी सुलग रही है, वह ज्वालामुखी का रूप न धरे इसके लिए हमे पूर्ण जागरूक होना ताकि राष्ट्र्शंती चिरकाल तक बरकरार रहे !

जागरूकता ही हमें भाषावाद जैसे दुर्गुणों से बचा सकती है ! गत महीनो पाहिले मुंबई में राजठाकरे के द्वारा भाषावाद के नाम पर देश में जो क्षणिक आशांति उतपन्न हुई थी, उसका कारण राजठाकरे का मानसिक उन्माद ही था, जिसका साथ कुछ मुंबई निवाशिओं ने भी दिया था ! यदि हम जागरूकता को अपनाए एवं स्वविवेक के से सोंच समझ कर किसी भी नेता या संस्था का साथ देशहित हेतु दे तो भाषावाद जैसी बेहूदी बुराई को पनपने से रोक सकते है !

जागरूकता के द्वारा आतंकवाद पर भी लगाम कसी जा सकती है ! किसी भी किरायदार को घर देने से पहले उसके बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली जाय, अवैध या लावारिस वस्तुओं से सतर्क रहें एवं नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जानकारी दे ! अफवाहों से बचें ! न ही अफवाह फैलाय और न ही फैलने दें इत्यादि ! जागरूकता से भाईचारे की भावना की उत्पत्ति होती है जो राष्ट्रियेकता में सहायक है ! एक जागरूक व्यक्ति कभी भी किसी भी भाषा विशेष, धर्म , या स्थान विशेष का पक्ष नहीं लेगा ! क्युकी जागरूकता मानवता को मायने देती है ! जागरूकता से ही सौहार्द और सहयोग की भावना उत्पन्न होती है ! जब समाज में व्यक्तियों को एक दूसरे का पारस्परिक सहयोग मिलेगा तो सौहार्द उत्पन्न होगा ! और कई कार्य भी सफल होंगे ! किसी भी व्यक्ति, समाज या देश की उन्नति का मूल जागरूकता है ! समाज के जागरूक एवं शिक्षित व्यक्तिओं का कर्तव्य बनता है की वो समाज के कम पढ़े लिखे लोगो की सहायता, मार्गदर्शन एवं उनको उनके हक़ के बारे में जानकारी दें ! यदि हो सके तो हक़ दिलाने का भी प्रयत्न करना चाहिए ! वर्तमान समय में कई ऐसे लोग है जो अपने हक़ से वंचित है , जिसका कारण है जागरूकता की कमी ! जागरूक नागरिक को अपना हक़ प्राप्त करने में ज्यादा कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता ! अत: हम सबको मिल कर समाज में जागरूकता फैलानी चाहिए , जिससे राष्ट्र उन्नति के हर पायदान पर सफलता से चढ़े !

अंत में एक बात कहना चाहूँगा की ज्यादातर लोग किसी भी लेख को पढ़ कर उसकी प्रशंसा मात्र करते है ! मेरा अनुरोध है की इस लेख की प्रशंसा न करें अपितु इसमें लिखे तथ्यों को सार्थक बनाने हेतु प्रयास करें और राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान दें !

1 comment:

mark rai said...

very nice
santosh jee...