मेरी पतंग कट गई है
खोज रहा हूँ
मिलतीही नही
अब कटे माझें को
समेट रहा हूँ
परअब उसका
क्या मोल
आसमान में उड़ती
जींदगी गुम
हो गई है
खोज रहा हूँ
मिलती ही नही
Friday, February 13, 2009
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